Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari | बद्रीनाथ का शीतकालीन मंदिर

Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari. क्या आप बद्रीनाथ का शीतकालीन मंदिर की जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो मेरे इस आर्टिकल में आपको उस नरसिंह देवता मंदिर की पूरी जानकारी मिलेगी।

Jan 6, 2024 - 07:20
Jan 6, 2024 - 07:20
 0
Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari | बद्रीनाथ का शीतकालीन मंदिर
Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari

Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari. क्या आप बद्रीनाथ का शीतकालीन मंदिर की जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो मेरे इस आर्टिकल में आपको उस नरसिंह देवता मंदिर की पूरी जानकारी मिलेगी। जहा बद्रीनाथ की शीतकालीन पूजा होती है। 

Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari

Narsingh Devta Temple Joshimath ki Jankari

उत्तराखंड ऐसी ऐसी भूमि है, जहा आपको अनगिनत मंदिर मिल जायेंगे। उत्तराखंड के हर शहर हर गाव में आपको कोई न कोई प्राचीन मंदिर मिल जायेगा। जो किसी न किसी भगवान से जुड़ा होगा। इसी कारण से उत्तराखंड को देवभूमि भी बोला जाता है। क्युकी यहाँ चारो धाम के आलावा का देवी देवता का प्राचीन मंदिर भी है। 

उत्त्रक्खंड के प्राचीन मंदिर में से एक Narsingh Devta Temple भी है। जो कि उत्तराखंड के Joshimath में मोजूद है। जोशीमठ का यह Narsingh Devta मंदिर जितना भव्य है, उतना ही गहरा रहस्य और इतिहास इस मंदिर से जुड़ा है। मान्यता यह है कि बिना नरसिंह भगवान् के दर्शन के बद्री विषम धाम का दर्शन का लाभ प्राप्त नहीं होता है। तो इसलिए अगर आप कभी भी चार धाम यात्रा के दोरान बद्रीनाथ जाये तो Narsingh Devta मंदिर भी जरुर जाइये। 

उत्तराखंड के जोशीमठ में मोजूद नरसिंह देवता का मंदिर लगभग 12 हजार साल पुराना मंदिर है। बहुत से लोग बोलते है इस मंदिर की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। पुराणिक काल में इस जगह को कार्तिकेपुर नाम से भी जाना जाता था। हिंदी ग्रंथो के अनुसार नरसिंह देवता भगवान विष्णु के चोथे अवतार थे। नरसिंह मंदिर में भगवान की मूर्ति करीब 10 इंच की है और यह शालिग्राम पत्थर से बनी है। नरसिंह मंदिर में भगवान नरसिंह देवता की मूर्ति एक कमल पर विराजमान है। नरसिंह देवता के राईट साईट की तरफ रामजी, सीताजी, हनुमान जी और गरुड़ की मूर्ति भी स्थापित है। और नरसिंह देवता के लेफ्ट साइड में कलिका माता की प्रतिमा स्थापित है। 

बद्रीनाथ का शीतकालीन मंदिर

शीतकाल में जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते है, तब भगवान बद्रीनाथ की शीतकालीन पूजा इसी मंदिर में की जाती है। इसलिए इस मंदिर को नरसिंह बद्री भी बोला जाता है। शीतकाल में बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद  उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी के शीतकालीन प्रवास  योग बदरी पांडुकेश्वर है। इस जगह को योग बद्री के नाम से भी जाना जाता है। जहा जाके आप इनकी पूजा और दर्शन कर सकते हो। Narsingh Devta Temple Joshimath से जुडी बहुत सी कथा मोजूद है। 

जिसके अनुसार नरसिंह भगवान की मूर्ति की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। क्युकी भगवान नरसिंह को वो अपना ईष्ट देव मानते थे। यह मंदिर आदि गुरु शंकारचार्य की गद्दी स्थल भी है। केदारखंड के सनत कुमार सहिता में बताया गया है कि जब भगवान नरसिंह की मूर्ति से उनका हाथ टूटकर गिर जाएगा, तो विष्णु प्रयाग के समीप पटमिला नामक स्थान पर स्तिथ जय और विजय नाम के पहाड़ आपस में मिल जायेंगे। और उसके बाद कोई भी मनुष्य बद्रीनाथ धाम नहीं जा पायेगा। 

आब बात आती है कि आखिर उत्तराखंड के जोशीमठ में मोजूद इस Narsingh Devta कैसे पहुच जाए। तो मैं आप सभी को बताना चाहूँगा। अगर आप जोशीमठ के नरसिंह मंदिर आना चाहते हो। तो सबसे पहले आपको हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून आना होगा। यहाँ आने के बाद आपको जोशीमठ की सीधी बस मिल जाएगी। और फिर आप जोशीमठ उतर कर टेक्सी के माध्यम से नरसिंह मंदिर जा सकते हो। जोशीमठ का सफ़र करते टाइम आपको बहुत ज्यादा प्राकर्तिक नजारे मिलने वाले है। जिन्हें आप अपनी यात्रा के दोरान कभी नहीं भूल पाओगे। 

जोशीमठ में और उसके आसपास आपको बहुत सी जगह रुकने के लिए मिल जाएगी। जहा आप रुक कर नाईट स्टे कर सकते है। यह एक ठंडी जगह है तो आपको अपने साथ गर्म कपडे जरुर रखने चाहिए। और आपको यहाँ खाने पीने की भी अच्छी व्यवस्था मिल जाती है। आपको यहाँ पहुच कर किसी भी तरह कोई कोई परेशानी नहीं होने वाली।  

Haridwar to Narsingh Devta Temple Joshimath Map

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Yatra Gyan Har Har Mahadev. Agar aapko Kedarnath Yatra ya Chardham Yatra se judi Help Chahiye to aap mujhe 7060830844 Par Call Karke Meri Help Le sakte ho. Mera Naam Mayank hai or Me Haridwar Uttarakhand se hu.