Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari Hindi Me
Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari Hindi Me. agar aap Madhyamaheshwar Mandir ki Yatra Karna Chahte hai. to ye article aap logo ke liye hi hai.
Agar aap Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari Hindi Me प्राप्त करना चाहते है. तो मेरा ये आर्टिकल आप लोगो के लिए है. अपने आज के इस आर्टिकल के द्वारा मैं आप सभी को मध्यमहेश्वर यात्रा की जानकारी देने वाला हु. ताकि आप लोग बहुत ही आराम से Madhyamaheshwar Temple की Yatra कर सको.
Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari Hindi Me
वेसे तो उत्तराखंड में बहुत शिव मंदिर है, लेकिन कुछ खास शिव मंदिर ऐसे है जो प्रमुख है. और उन्हें बोला जाता है भोलेनाथ के पंच केदार मंदिर. पंच केदार के नाम तो आप सभी ने जरुर सुना होगा. लेकिन आप में से बहुत से लोगो को इनके नाम नहीं मालूम होंगे. अपनी इस वेबसाइट पर मैं आपको उत्तराखंड में मोजूद सभी शिव मंदिर की जानकारी विस्तार से दूंगा. ताकि अगर आप उत्तराखंड आये तो सही भगवान के मंदिर जरुर घूम पाए.
Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari देने से पहल मैं आपको पहले पंच केदार के नाम बता देता हु. ताकि आपको भी पता चल सके पंच केदार में कोन कोन से मन्दिर आते है.
Madhyamaheshwar Temple Yatra - पंच केदार नाम
- प्रथम केदार भगवान केदारनाथ
- द्वितीय केदार मद्महेश्वर
- तृतीय केदार तुंगनाथ
- चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ
- पंचम केदार कलेश्वर
उपर मैंने आपको पंच केदार के नाम बता दिए है. अपनी इस पोस्ट में हम बात करने वाले है द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर की. Madhyamaheshwar Temple उत्तराखंड में स्तिथ एक प्रसिद्ध मंदिर है. मध्यमहेश्वर मंदिर समुंद तल से 3490 मीटर की उचाई पर स्तिथ है. मैं आपको बताना चाहूँगा मद्महेश्वर की यात्रा बहुत ज्यादा कठिन है. क्युकी मद्महेश्वर मंदिर जाने के लिए कई चुनोतिपूर्ण रस्ते से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन जो शिव भक्त होते है उन्हें ऐसे रास्तो से डर नहीं लगता. और वो इस मद्महेश्वर की यात्रा को पूरा करते है.
मध्यमहेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है. यह मंदिर शिव जी के सबसे पुराने धार्मिक मंदिरों में से एक है. मद्महेश्वर मंदिर में शिव जी की नाभि की पूजा होती है. और मद्महेश्वर मंदिर हर साल मई में खुलकर नवम्बर के महीने में बंद हो जाता है. उसके बाद इनकी शीतकालीन पूजा उखीमठ में होती है.
मध्यमहेश्वर की यात्रा कठिन होने के बाद भी हर साल हजारो शिव भक्त इस मंदिर की यात्रा करते है. यह मंदिर रिज के निचे हरे भरे घास के मैदान में स्तिथ है. और उत्तराखंड में सबसे सुन्दर स्थान में से एक है. एक मध्यमहेश्वर मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवो द्वारा किया गया है.
अब बात करते है कि आखिर Madhyamaheshwar Temple Yatra कैसे करे? मध्यमहेश्वर मंदिर पहाड़ी इलाके मी स्थित है. तो वहा जाना के लिए आपको सबस पहले हरिद्वार या ऋषिकेश आना होगा. हरिद्वार या ऋषिकेश आप बस ट्रेन या अपनी गाड़ी के माध्यम से बहुत ही आराम से आ सकते है. अगर आप बाय प्लेन आना चाहते है. तो आपको देहरादून आना होगा उसके बाद आपको ऋषिकेश आना होगा.
हरिद्वार या ऋषिकेश आने के बाद आपको रुद्रप्रयाग जाना होगा. फिर आपको उखीमठ से मनसूना होते हुवे रांसी तक जाना होगा. फिर रांसी से 18 किलोमीटर की पैदल मार्ग से यात्रा करनी पड़ेगी. रांसी मध्यमहेश्वर मंदिर का पहला पड़ाव है. यहाँ से पैदल मार्ग द्वारा गौंडार और फिर गौंडार से मध्यमहेश्वर मंदिर पंहुचा जा सकता है. गौंडार में आपको रुकने की जगह भी मिल जाएगी. जैसा की मैं आपको उपर बता दिया था की मध्यमहेश्वर की यात्रा एक कठिन यात्रा है. तो इस यात्रा में आपको काफी पेडल चलना पड़ता है. और पहड़ो पर चड़ते टाइम अच्छा खासा इन्सान भी थक जाता है. लेकिन शिव भक्त फिर भी अपने भोलेनाथ के दर्शन करने इस मध्यमहेश्वर मंदिर की यात्रा करते है.
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मैं आपको निचे हरिद्वार से मध्यमहेश्वर मंदिर का मेप भी दे रहा हु. ताकि आपको यात्रा करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो. मुझे उम्मीद है मेरी ये यात्रा की पोस्ट उन सभी लोगो के लिए काम की साबित हुई होगी. जो लोग Madhyamaheshwar Temple Yatra ki Jankari Hindi Me प्राप्त करना चाहते थे.
Haridwar to Ukhimath to Mansoona to Shree Madmaheswar Temple Map
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