Markateshwar Temple in Makkumath | मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ की जानकारी
Markateshwar Temple in Makkumath. मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ की जानकारी। क्या आप तुंगनाथ के दर्शन कपाट बंद होने के बाद करना चाहते है। तो मेरा आज का यह आर्टिकल इसी टॉपिक से जुड़ा है।
Markateshwar Temple in Makkumath. मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ की जानकारी। क्या आप तुंगनाथ के दर्शन कपाट बंद होने के बाद करना चाहते है। तो मेरा आज का यह आर्टिकल इसी टॉपिक से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को बताऊंगा। की आप किस तरह तुंगनाथ के दर्शन कपाट बंद होने के बाद किस जगह कर सकते हो।
Markateshwar Temple in Makkumath
आप सभी लोग पञ्च केदार में से एक तुंगनाथ मंदिर के बारे में तो जरुर जानते होंगे। आप में से बहुत से लोग तुंगनाथ गए भी होंगे। तुंगनाथ भगवान शंकर का वि स्थान है। जहा हर शिव भक्त अपनी जिंदगी में एक बार जरुर जाना चाहता है। हर साल तुंगनाथ पर लाखो शिव भक्त आते है। केदारनाथ धाम की तरह तुंगनाथ मंदिर के कपाट भी 6 महीने खुले रहते है. और 6 महीने तुंगनाथ के कपाट बंद रहते है. तो कपाट बंद होने के बाद शिव भक्त किस स्थान पर तुंगनाथ के दर्शन कर सकते है। तो मैं आप सभी को बताना चाहूँगा।
जब शीतकाल में तुंगनाथ के कपाट बंद हो जाते है। तो भगवान शंकर की डोली शोभायात्रा के साथ मक्कूमठ में आ जाती है। इस यात्रा के दोरान भगवान् शंकर की डोली एक रात चोपता में रूकती है। इसके बाद एक दिन का रात्रि विश्राम भनकुंड की गुफा में किया जाता है। इसके बाद भगवान शंकर की डोली मक्कूमठ पहुचती है।
भगवान शंकर की डोली Makkumath के Markateshwar Temple में वराजमान होने के बाद शीतकाल की पूजा अर्चना इसी मर्कटेश्वर मंदिर में की जाती है। तो इसलिए मर्कटेश्वर मंदिर का महत्व बहुत ज्यादा है। जब गर्मियों में तुंगनाथ के कपाट खुलते है। तो भेले शंकर की यह डोली तुंगनाथ वापिस चली जाती है।
मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ की जानकारी
Makkumath उत्तराखंड के रुद्र्प्राग जिले में स्तिथ एक सुन्दर गाव है। यह अनोखा गाव चारो तरफ पहाड़ो से घिरा हुवा है। जहा आपको चारो तरफ हरे भे पेड़ और जंगल ही जंगल दिखाई देंगे। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत है। तो यहाँ जाकर आप सभी को बहुत ही आनंद आने वाला है। अगर आप Makkumath की सुन्दरता को बारीकी से देखना चाहते हो। तो आप इस गाव के पैदल रास्तो पर चलकर इकी सुन्दरता को और भी करीब से देख सकते हो।
Makkumath एक बहुत ही छोटा और सुन्दर गाव है। यहाँ लगभग 220 घर है, और यहाँ के लोग बहुत ही गर्मजोशी से भरे है। जो आप सभी के स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। जब भी आप Markateshwar Temple in Makkumath में जाए। तो यहाँ के खुबसुरत नजारों को अपने केमरे में कैद करना ना भूले। घने पेडो से घर होने के कारण Makkumath में आपको तरह तरह के पंझी भी देखने को मिलते है। जिन्हें आप अपने केमरे में कैद करने से रोक नहीं पायेंगे।
Madhyamaheshwar यात्रा कैसे करे ?
मक्कूमठ में मोजूद मर्कटेश्वर मंदिर में जाकर भी आप शिव की भक्ति में खो जाओगे। क्युकी वहा आपको भक्ति में लीन होने के लिए इतनी ज्यादा शांति मिलने वाली है। जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। चारो तरफ हरी भरी पहाड़िया और बिच में शिव मर्कटेश्वर मंदिर। तो अगर आप सर्दियों के मोसम में तुंगनाथ के ट्रक पर जा रहे है। तो मर्कटेश्वर मंदि भी जरुर जाइये। ताकि आपकी तुंगनाथ की यात्रा पूरी हो सके। और आप भोलेनास्थ के दर्शन कर सको।
अब बात आती है कि आखिर शिव मर्कटेश्वर मंदिर कैसे पंहुचा जाये। तो मैंने आपको बताना चाहूँगा आपको सबसे पहले हरिद्वार आना होगा। और हरिद्वार या ऋषिकेश से उखीमठ के लिए नकलना पड़ेगा। उखीमठ से पहले ही आपको Makkumath जाने का रास्ता मिल जायेगामन जिसकी जानकारी मैं आपको निचे Google Map के माध्यम से दे रहा हु। निचे मैंने आपको haridwar to Markateshwar Temple in Makkumath का Map दे दिया है। जिसका इस्तेमाल करके आप बहुत ही आराम से मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में पहुच सकते हो। मक्कूमठ में आपको रहने और खाने पिने के विकल्प भी बहुत ही आराम से मिल जाते है।
Haridwar to Markateshwar Temple in Makkumath Map
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