Top Places Near Badrinath Dham | बद्रीनाथ मंदिर के पास घूमने की जगह

Top Places Near Badrinath Dham. बद्रीनाथ मंदिर के पास घूमने की जगह. बद्रीनाथ धाम के प्रमुख स्थान के नाम कौन कौन से है. आप में से बहुत से लोग बद्रीनाथ धाम जा रहे है. लेकिन आपको उन जगह के बारे में नहीं मालूम जो बद्रीनाथ धाम के आसपास है.

Jul 6, 2023 - 08:35
Jul 9, 2023 - 07:17
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Top Places Near Badrinath Dham | बद्रीनाथ मंदिर के पास घूमने की जगह
Top Places Near Badrinath Dham

Top Places Near Badrinath Dham. बद्रीनाथ मंदिर के पास घूमने की जगह. बद्रीनाथ धाम के प्रमुख स्थान के नाम कौन कौन से है. आप में से बहुत से लोग बद्रीनाथ धाम जा रहे है. लेकिन आपको उन जगह के बारे में नहीं मालूम जो बद्रीनाथ धाम के आसपास है. तो मेरे इस आर्टिकल में आपको मद्रिनाथ धाम के आसपास मोजूद उस जगह की जानकारी मिलने वाली है. जहा आप सभी को अपनी यात्रा के दोरान जरुर जाना चाहिए.

Top Places Near Badrinath Dham

उत्तराखंड एक बहुत ही खुबसुरत जगह है. जहा हर साल लाखो लोग घुमने के लिए आते है. उत्तराखंड में मोजूद चार धाम भी हर साल लाखो लोग आते है. चारो धाम में से एक बद्रीनाथ धाम में भी हर साल लाखो लोग आते है. लेकिन अधिकतर लोग बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वापस चले जाते है. क्युकी उन्हें मालूम नहीं होता बद्रीनाथ धाम में ऐसी बहुत सी जगह मोजूद है. जहा आप सभी लोगो को जरुर जाना चाहिए. निचे मैं आप सभी को Top Places Near Badrinath Dham की जानकारी दे रहा हु. 

Top Places Near Badrinath Dham

विष्णुप्रयाग – Vishnuprayag Near Badrinath Dham

अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा पर जा रहे हो. तो आपको जोशीमठ और बद्रीनाथ मार्ग पर स्तिथ  विष्णुप्रयाग नाम की जगह मिलेगी.  विष्णुप्रयाग उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी और धोलीगंगा नदी के संगम पर मोजूद है. विष्णुप्रयाग पञ्च प्रयाग में से एक प्रयाग है. बद्रीनाथ धाम जाते टाइम आप एक बार विष्णुप्रयाग के जरुर दर्शन करिए.     

जोशीमठ – Joshimath Near Badrinath Dham

जोशीमठ को ज्योतिमठ के नाम से भी जाना जाता है. बद्रीनाथ से 42 किलोमीटर पहले यह नगर स्तिथ है. यह जगह आपको अपनी पहाड़ो की खूबसूरती से आपका मन मोह लेगी. जो लोग बद्रीनाथ धाम जाते है. वो अक्सर जोशीमठ ही रुकने के बाद अगले दिन बद्रीनाथ धाम जाते है.     

पांडुकेश्वर – Pandukeshwar Near Badrinath Dham

पांडुकेश्वर हिन्दुओ का एक पवित्र स्थान है. यह स्थान समुन्द्र तल से 6000 फिट की उचाई पर स्तिथ है. ऐसा माना जाता है कि यह स्थान वो जगह है. जहा पाचो पांड्वो के पिता राजा पांडु ने भगवान शिव की पूजा की थी. पांडुकेश्वर एक पवित्र स्थान है. जो बद्रीनाथ के रस्स्ते में स्तिथ है. पांडुकेश्वर में दो लोकप्रिय मंदिर योग ध्यान बद्री मंदिर और भगवान वासुदेव का मंदिर है. 

पांडुकेश्वर में मोजूद वासुदेव मंदिर के बारे में बोला जाता है. कि यह मंदिर पांड्वो द्वारा बनाया गया था. बद्रीनाथ की यात्रा पर जाते टाइम इस पांडुकेश्वर नाम की जगह पर जरुर जाइये.          

तप्त कुंड – Tapt Kund Near Badrinath Dham

तप्त कुंड बद्रीनाथ मंदिर की तलहटी में मोजूद है. यह तप्त कुंड भगवान अग्नि का निवास है और अपनी ओषधि गुणों के लिए प्रसिद्ध है. बद्रीनाथ मंदिर पर जाने से पहले सभी लोग इस तप्त कुंड में दुबकी जरुर लगाते है. तप्त कुंड के पानी का तापमान 45 डिग्री के आसपास रहता है. ऐसा माना जाता है इस तप्त कुंड में स्नान करने से त्वचा के सभी रोग दूर हो जाते है. तप्त कुंड के निचे एक और कुंड है जिसे नारद कुंड कहा जाता है. जहा बद्री नारायण की वर्तमान मूर्ति आदि शंकराचार्य को मिली थी. 

कुंड के आसपास 5 बड़ी पत्थर की चटाने है. जिन्हें पञ्च शिला के नाम से भी जाना जाता है. तप्त कुंड के बगल में नारद शिला स्तिथ है. मंदिर की और जाने वाले रस्ते में गरुड़ शिला है. नरशिंह शिला, वाराही शिला और मार्कडेय शिला अलकनंदा जल में छिपे है. 

नारद कुंडी – Narad Kund Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम में मोजूद नारद कुंडी भी एक प्रमुख पर्यटक स्थल है. यह भी एक गर्म पानी का कुंड है. एक कहानी के अनुसार ये वो जगह है जहा नारद ऋषि ने नारद भक्ति सूत्र नाम की किताब लिखी थी.    

ब्रह्म कपाल – Brahma Kapal Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ बस स्टैंड से 1 किमी की दुरी पर मोजूद ब्रह्म कपाल अलकनंदा नदी पर मोजूद एक पवित्र घाट है. जहा आप अपनी बद्रीनाथ की यात्रा के दोरान जा सकते है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म कपाल एक ऐसा घाट है. जहा पुरे भारत से भक्त अपने पूर्वजो की आत्मा को नरक से मुक्त करने के लिए पिंड दान करने यहाँ आते है. और इस ब्रह्म कपाल घाट पर अपने पूर्वजो का श्रराद भी करते है.      

शेषनेत्र – Sheshnetra Near Badrinath Dham

शेषनेत्र नाम की जगह बद्रीनाथ बस स्टैंड से 1 किमी की दुरी पर मोजूद है. यह जगह अलकनंदा नदी के दूसरी तरफ स्तिथ तट पर मोजूद है. यहाँ एक बड़ा पत्थर मोजूद है. जो कि दिव्य सर्प की आख का माना जाता है. बद्रीनाथ में मोजूद यह एक पवित्र स्थान है. एसा कहा जाता है की भगवान् विष्णु ने यहाँ अनंत शेष पर वापिसी कि थी.       

माणा गांव – Mana Village Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम से 4 किलोमीटर की दुरी पर मोजूद माणा गांव हमारे देश का पहला गाव है. 2022 से पहले ये देश का अंतिम गाव हुवा करता था. लेकिन हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस गाव का नाम देश का पहला गाव कर दिया. तब से यह देश का पहला गाव बन गया. बद्रीनाथ धाम जाने वाले 99% लोग इस गाव में जरुर जाते है. माना गाव तिब्बती -चीन सीमा पर स्तिथ है.

माणा गांव एक बहुत ही साफ़ सुथरा गाव है. जो कि अपनी प्राकर्तिक नजरो की वजह से लोगो के दिल में खास जगह बना कर रखता है. इस माणा गांव में जाकर आपको कई तरह के मंदिर मिलते है. और गाव के लोगो के घरो के बाहर मोजूद पेंटिंग देखकर आप इस जगह के दीवाने हो जाओगे. इस गाव में देश की पहली चाय की दूकान भी है. जिसे आप सभी लोगो को जरुर देखना चाहिए.             

व्यास गुफा – Vyas Cave Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ में मोजूद माना गाव में सरस्वती नदी के तट पर मोजूद व्यास गुफा एक प्राचीन गुफा है. इस  व्यास गुफा का रास्ता माना गाव से होकर ही जाता है. इस व्यास गुफा की एक ख़ास विशेषता ये है की इस गुफा की छत पवित्र लिपियों से मिलती जुलती है. यह उत्तराखंड की सबसे प्राचीन गुफा में से एक गुफा है.    

भीम पुल – Bheem Pul Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम में मोजूद भीम पुल भी एक फेमस जगह है. जहा आप सभी लोगो को जरुर जाना चाहिए. भीम पुल का रास्ता भी माना गाव से होता हुवा जाता है. भीम पुल से आपको दो पवित्र नदी सरस्वती नदी और अलकनंदा नदी के संगम देखने का सोफागए प्राप्त होता है. 

ऐसा कहा जाता है , महाभारत के पांड्वो को बद्रीनाथ मंदिर के पास मोजूद सरस्वती नदी को पार करना था. तब उनकी पत्नी द्रोपदी नदी पार करने में असमर्थ थी. तब भीम ने एक बड़ी चट्टान इस तरह रख दी कि वहा एक पुल बन गया. इसी चट्टान को भीम पुल के नाम से जाना जाता है.        

चरणपादुका – Charanpaduka Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ से 3 किमी दूर और 3380 फिट की उचाई पर स्तिथ चरणपादुका नाम की एक चट्टान है. जहा आपको भगवान विष्णु के पेरो के निशान देखने को मिलेंगे. यह जगह बद्रीनाथ धाम के पास मोजूद सबसे लोकप्रिय स्थान है. ऐसा माना जाता है कि जब भगवान् विष्णु अपने आवशीय निवास से निचे उतरे, तो इस चट्टान पर सबसे पहले उनके पैर पड़े. जिससे वहा उनके दिव्य पेरो के निशान बन गए.

चरणपादुका चट्टान तक पहुचने के लिए आपको पैदल ही ट्रेकिंग करनी पड़ती है. इस चरणपादुका चट्टान तक पहुचने में आपको 1 से 2 घंटे लग सक्त्गे है. तो आप अपनी बद्रीनाथ यात्रा के दोरान इस चरणपादुका नाम की जगह पर जरुर जाइए.        

वसुधरा जलप्रपात – Vasudhara Fall Near Badrinath Dham

माना गाव से लगभग 6 किमी की दुरी पर मोजूद वसुधरा जलप्रपात एक खुबसुरत जगह है. वसुधरा जलप्रपात 12000 फिट की उचाई पर मोजूद है. इस वसुधरा जलप्रपात का पानी 400 फिट की उचाई से निचे बहता है. वसुधरा जलप्रपात तक जाने में आपको लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है. वसुधरा जलप्रपात का रास्ता बहुत ज्यादा कठिन है. इसलिए इस जगह बहुत ही कम लोग पहुच पाते है. अगर आपको वसुधरा जलप्रपात जाना है तो आपको माना गाव से मोर्निंग में जल्दी निकलना पड़ेगा.

वसुधरा जलप्रपात का पैदल रास्ते में आपको बहुत कुछ देखने को मिलता है. माना गाव से दूर सुनसान जगह में मोजूद वसुधरा जलप्रपात आप सभी का मन मोह लेगा.        

वासुकी ताल - Vasuki Tal Near Badrinath Dham

वासुकी ताल भी एक उचाई पर मोजूद झील है. वासुकी ताल तक पहुचने के लिए भी आपको 8 किलोमीटर का ट्रेक पार करके पहुचना पड़ता है. व्यास गुफा, गणेश गुफा, भीम पुल और वसुधरा जलप्रपात यहाँ से 3 से 6 किमी की दुरी पर मोजूद है. अगर आप ट्रेकिंग के सोकिन है तो आप इस जगह भी जा सकते हो.      

सरस्वती नदी - Saraswati Nadi Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम में मोजूद माना गाव से 3 किमी की दुरी पर मोजूद एक ग्लेशियर से सरस्वती नदी निकलती है. सरस्वती को ज्ञान की देवी के रूप में जाना जाता है. सरस्वती नदी व्यास गुफा को छूने के बाद, केशव प्रयाग में अलकनंदा में खो जाती है. यहाँ से इलाहबाद तक नदी गुप्त मार्ग से बहती है. इलाहबाद में गंगा यमुना और सरस्वती के संगम पर सरस्वती नदी अद्रश्य हो जाती है. तो अगर आपको सरस्वती नदी की पहली झलक देखनी है तो वो आपको बद्रीनाथ में ही मिलेगी.     

पंचधारा - Panch Dhara Near Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम में पंचधारा भी बहुत ज्यादा फेमस है. पंचधारा के नाम इस प्रकार है. प्रहलाद, कुर्म, भृगु, उर्वशी और इंदिरा धारा. इन पंचधारा में से सबसे अद्भुद इंदिरा धारा है. जो बद्रीनाथ से लगभग 1.5 किमी उत्तर में है.  बद्रीनाथ की यात्रा पर जाते टाइम इस जगह भी आप लोगो को जरू जाना चाहिए.      

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