Badrinath Kapat Closing Date in 2025 | बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख
Badrinath Kapat Closing Date in 2025. बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे। मेरा यह आर्टिकल इसी टॉपिक से जुड़ा है। अपने इस आर्टिकल के द्वारा मैं आप सभी को बताने वाला हु। कि इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट किस तारीख को बंद होंगे वाले है।
Badrinath Kapat Closing Date in 2025 | बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख
Badrinath Kapat Closing Date in 2025. बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे। मेरा यह आर्टिकल इसी टॉपिक से जुड़ा है। अपने इस आर्टिकल के द्वारा मैं आप सभी को बताने वाला हु। कि इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट किस तारीख को बंद होंगे वाले है।
उत्तराखंड की गोद में बसा बद्रीनाथ धाम केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मा को जाग्रत कर देने वाला अनुभव है। 3,300 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित यह धाम चारधाम और ‘छोटे चारधाम’ दोनों का मुकुटमणि है। यहाँ हर पर्वत, हर नदी, हर शिलाखंड श्रद्धा की कथा कहता है। हर साल यह धाम 6 महीने के लिए भक्तो के लिए खुलता है। और 6 महीनो के लिए धाम के कपाट बंद रहते है।
उत्तराखंड में मोजूद चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम का इतिहास वैदिक काल तक जाता है। कहा जाता है कि यहां नार और नारायण ऋषि ने कठोर तप किया था। जब भगवान विष्णु तप कर रहे थे, तब देवी लक्ष्मी ने बद्री वृक्ष का रूप लेकर उन्हें हिमपात से बचाया; इसलिए यह स्थान “बद्री नारायण” कहलाया ।
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली ज़िले में अलकनंदा नदी के तट पर, लगभग 3,300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक प्राचीन तीर्थ है। यह चार धाम और छोटे चार धाम (हिमालयी) में सबसे प्रमुख माना जाता है। यहाँ श्री बद्रीनारायण की पद्मासनस्थ काले पत्थर की प्राचीन मूर्ति विराजमान है, जिसे आदिशंकराचार्य द्वारा पुनः प्रतिष्ठित किए जाने की परंपरा है। यह धाम श्रद्धा, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का अद्भुत संगम है।
पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व
मान्यता है कि नार-नारायण ऋषि यहाँ तप करते थे और लक्ष्मी जी बद्री वृक्ष का रूप धारण कर तप की रक्षा करती थीं। इसी कारण यह क्षेत्र बद्रीवन और देवता के रूप में बद्री नारायण कहलाए।
- बद्रीनाथ मंदिर लगभग 50 फीट ऊँचा है और पत्थर व लकड़ी से बना है। इसके तीन मुख्य भाग हैं:
- गर्भगृह (संक्तम) – यहाँ भगवान बद्रीनारायण की कृष्ण शिला से बनी मूर्ति पद्मासन में विराजमान है।
- दर्शन मंडप – भक्त यहाँ से भगवान के दर्शन करते हैं।
- सभा मंडप – यहीं श्रद्धालु समूह में बैठकर भजन और कथा सुनते हैं।
- मुख्य प्रवेश द्वार सिंहद्वार कहलाता है, जहाँ गरुड़ की प्रतिमा स्थापित है ।
उत्तराखंड में मोजूद यह धाम भक्तो की आस्था का एक अनोखा धाम है। इस धाम में हर साल लाखो तीर्थ यात्री आते है। और यहाँ आकर भगवान की भक्ति में खो जाते है। और हर साल यहाँ भक्तो के आने का एक नया ही रिकॉर्ड बनता है। क्युकी बद्रीनाथ धाम में मंदिर के सामने तक गाडिया जाती है। इसलिए हर कोई यहाँ बहुत आराम से पहुच सकता है। अगर आप बद्रीनाथ धाम की यात्रा करना चाहते है। तो आपको यहाँ क्लिक करके बद्रीनाथ धाम की यात्रा से जुडी सभी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी।
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख
अब बात आती है कि आखिर इस साल यानी 2025 में बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे। तो हर साल बद्रीनाथ धाम में कपाट चारो धाम में सबसे लास्ट में बंद होते है। यानी सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद किये जाते है, उसके बाद यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट बंद किये जाते है। और सबसे लास्ट में बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किये जाते है। बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल कब बंद होंगे उसकी जानकारी आपको निचे दे दी गयी है।
| Badrinath Kapat Closing Date | in 2025 |
| Kedarnath Dham Closing Date and Time | 25 November 2025 (2:56 PM) |
इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट की तारीख को और कितने बजे बंद होंगे। उसकी जानकारी मैंने आपको विस्तार से दे दी है।
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