Uttarakhand Omkareshwar Mandir ki Jankari | ऊखीमठ का ओंकारेश्वर मंदिर
Uttarakhand Omkareshwar Mandir ki Jankari. क्या आप उत्तराखंड में मोजूद ऊखीमठ का ओंकारेश्वर मंदिर की जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो आप बिलकुल सही जगह आये है। क्युकी मैं आप सभी को उत्तराखंड में मोजूद ओम्कारेश्वर मंदिर की जानकारी देने वाला हु।

Uttarakhand Omkareshwar Mandir ki Jankari. क्या आप उत्तराखंड में मोजूद ऊखीमठ का ओंकारेश्वर मंदिर की जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो आप बिलकुल सही जगह आये है। क्युकी मैं आप सभी को उत्तराखंड में मोजूद ओम्कारेश्वर मंदिर की जानकारी देने वाला हु। और आपको यह भी बताऊंगा कि आप वहा किस तरह जा सकते हो।
उत्तराखंड एक धार्मिक और आध्यात्मिक धरोहर से भरा राज्य है। उत्तराखंड के हर शहर हर गाव में आपको कोई न कोई धर्मिक और पुराना मंदिर मिल ही जायेगा। हर मंदिर की अलग अलग मान्यता होती है। इन्ही मंदिर में से एक मंदिर है Uttarakhand का Omkareshwar Mandir.
Uttarakhand Omkareshwar Mandir ki Jankari
उत्तराखंड का ओम्कारेश्वर मंदिर शिव भक्तो के लिए विशेष महत्व रखता है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में मोजूद ओम्कारेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहा शिव भक्तो का गहरा नाता जुड़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि यहाँ शीतकाल में भगवान केदारनाथ और भगवान मध्म्हेश्वर की पूजा की जाती है। यानी जब केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते है। तो केदारनाथ धाम की पंचमुखी डोली की पूजा इसी ओम्कारेश्वर मंदिर में की जाती है।
गर्मियों के मोसम में बाबा केदार की डोली केदारनाथ धाम में विराजित होती है। और मध्म्हेश्वर की डोली मध्म्हेश्वर धाम में विराजित कर दी जाती है। फिर सभी शिव भगत धाम में जाकर इनकी पूजा करते है। केदारनाथ धाम और मध्म्हेश्वर जाने के लिए शिव भक्तो को कठिन चडाई करनी पडती है। लेकिन अगर आप यह चडाई नहीं कर सकते। तो आप ओम्कारेश्वर मंदिर जाकर भी शिव भगवान के दर्शन कर सकते हो।
Uttarakhand Omkareshwar Mandir Katha
ओम्कारेश्वर मंदिर के पुजारी बताते है कि ओम्कारेश्वर मंदिर भगवान केदारनाथ और भगवान मध्म्हेश्वर की शीतकालीन गद्दी स्थल है। और इसी स्थान पर सूर्यवंशी महाराजा मान्धाता ने घोर तपस्या की थी। उन्हें जीवन की चोथी अवस्था में वैराग्य हुवा। जिसमे उन्होंने अपना सारा राजपाठ त्याग दिया और तीर्थ करते हुवे इस स्थान पर पहुच गये।
इसके बाद सूर्यवंशी महाराजा मान्धाता ने इस स्थान पर हजारो सालो तक भगवान शंकर की साधना की और उनकी साधना से खुश होकर भगवान शंकर ने उन्हें ओमकार रूप में दर्शन दिए। उसी के बाद से इस मंदिर का नाम ओम्कारेश्वर पड़ गया। यह मंदिर समुन्द्र्तल से 1311 मीटर की उचाई पर मोजूद है। यह ओम्कारेश्वर मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर में से एक मंदिर है। यह मंदिर चारो तरफ से भवनों से घिरा हुवा है। और मंदिर के गेट पर एक बड़ा सिंहद्वार मोजूद है। इसी गेट के द्वारा भगत मंदिर के अन्दर जाते है।
केदारनाथ और मध्म्हेश्वर के आलावा आपको इस मंदिर में पांचो केदार के दर्शन हो जाएगी। अगर आप किसी कारण से पंचकेदार के दर्शन नहीं कर सकते। तो आप इस मंदिर आकर पांचो केदार के दर्शन करके भोलेनाथ की क्रप्या प्राप्त कर सकते है। Uttarakhand का Omkareshwar Mandir आने के बाद आपको यहाँ प्राक्रतिक नजरो के बिच शिव भगवान की भागती में खोने का एक अलग ही आनंद मिलने वाला है। तो अब बात आती है कि आखिर इस Uttarakhand Omkareshwar Mandir कैसे पहुच जाये।
Uttarakhand Omkareshwar Mandir कैसे जाये ?
अगर आप उत्तराखंड में मोजूद ओम्कारेश्वर मंदिर आना चाहते है तो आपको सबसे पहले बस, ट्रेन या अपनी गाडी से हरिद्वार या ऋषिकेश आना होगा। अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते है। तो आपको देहरादून आना होगा। उसके बाद आपको हरिद्वार या ऋषिकेश या देहरादून से सीधी उखीमठ के लिए लिए टेक्सी या बस मिल जाएगी। haridwar se Ukhimath जाने में आपको ६ घंटे लग्फ़ सकते है। 6 घंटे का सफ़र पूरा करने के बाद आप उखीमठ में मोजूद ओम्कारेश्वर मंदर पहुच सकते है। और फिर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते है।
उखीमठ में आपको रहने और खाने पिने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होने वाली। उखीमठ में आपको मंदिर के पास ही रहने की जगह भी मिल जाती है। छोटे बड़े हर तरह के होटल आपको वहा मिल जायेंगे। तो आपको पहले से बुकिंग करा कर जाने की जरूरत भी नहीं है। तो यह थी Uttarakhand Omkareshwar Mandir ki Jankari. अगर आपके मन में उखीमठ के ओम्कारेश्वर मंदिर से जुड़ा कोई भी सवाल हो। तो आप मुझे 7060830844 पर कॉल करके मेरी हेल्प भी ले सकते हो।
Haridwar to Ukhimath Omkareshwar Mandir Map
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