Uttarakhand Rudranath Yatra mandir ki jankari
Uttarakhand Rudranath Yatra mandir ki jankari. Rudranath Mandir उत्तराखंड के चमोली जिले में स्तिथ है. और पंच केदार में से एक मंदिर Rudranath भी है.
Uttarakhand Rudranath Yatra mandir ki jankari. मेरी आज की पोस्ट रुद्रनाथ मंदिर से जुडी है. जिसमे माध्यम से मैं आप सभी को Uttarakhand Rudranath Yatra की जानकारी विस्तार से देने वाला हु. ताकि आप सभी लोग बहुत ही आराम से Rudranath मंदिर की Yatra कर सको.
Uttarakhand Rudranath Yatra mandir ki jankari
उत्तराखंड में मोजुदी शिव मंदिर में से एक शिव मंदिर रुद्रनाथ भी है. Rudranath Mandir उत्तराखंड के चमोली जिले में स्तिथ है. और पंच केदार में से एक मंदिर Rudranath भी है. रुद्रनाथ मंदिर की समुन्द्तल से उचाई 2290 मीटर है. इस मंदिर के आसपास आपको प्राकतिक सोंदार्ये देखने को मिलता है. रुद्रनाथ मंदिर के अन्दर भगवान शिव के मुख की पूजा होती है. और भगवान शिव के सम्पूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू में पशुपति नाथ में की जाती है.
पंच केदार के नाम
- प्रथम केदार भगवान केदारनाथ
- द्वितीय केदार मद्महेश्वर
- तृतीय केदार तुंगनाथ
- चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ
- पंचम केदार कल्पेश्वर
भगवान शिव के पंच केदारं में शिव भगवान की अलग अलग रूप में पूजा की जाती है. केदारनाथ धाम में शिव के पीठ की पूजा की जाती है. द्वितीय केदार मद्महेश्वर में भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है. तृतीय केदार तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजा की पूजा की जाती है. चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है. और पंचम केदार कल्पेश्वर में भगवान शिव की जटा की पूजा की जाती है.
अगर आप पांचो केदार की यार्ता करना चाहते है तो आपके लिए रुद्रनाथ की यात्रा करना भी जरुरी है. क्युकी पंचकेदार में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ ही है. अब मैं आपको विस्तार से बताने वाला हु कि आप किस तरह चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की यात्रा कर सकते हो.
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की यात्रा मई के महीने मे शुरू होती है और ओक्टुबर या नंबर तक तिथि के अनुसार ये यात्रा चलती है. मई के महीने में यात्रा शुरू होने के बाद आप भी अपनी यात्रा शुरू कर सकते हो. और यात्रा शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले ट्रेन या बस या गाडी के माध्यम से आपको हरिद्वार या ऋषिकेश आना होगा.
अगर आप बाय प्लेन आना चाहते हो तो आपको देहरादून आना होगा. देहरादून आने के बाद आपको ऋषिकेश आकर अपनी यात्रा की शुरुआत करनी पड़ेगी. हरिद्वार या ऋषिकेश पहुचने के बाद आपको बस या टेक्सी से गोपेश्वर जाना होगा. हरिद्वार से गोपेश्वर की दुरी 230 km है. और हरिद्वार से गोपेश्वर जाने में आपको लगभग 7 से 8 घंटे लग जाते है. गोपेश्वर पहुचने के बाद एक रात आपको गोपेश्वर में ही रुकना होगा. और फिर अगले दिन आपको अपनी यात्रा को शुरू करना पड़ेगा.
Rudranath Yatra mandir Trek
गोपेश्वर से 5 किलोमीटर आगे आपको सगर नाम की जगह भी मिलेगी वहा तक बसे जाती है. आप चाहे तो वहा भी नाईट स्टे कर सकते हो. इसके बाद आपको चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ पहुचने के लिए 22 किलोमीटर की खड़ी चडाई चढ़नी पड़ेगी. ये चढाई शिव भक्तो के लिए एक परिझा है. क्युकी भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए कष्ट तो झेलना ही पड़ता है. और ये चढ़ाई सभी शिव भक्तो को उसी कष्ट का एहसास करवाती है.
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ का पैदल ट्रैक जंगल से होकर ही गुजरता है. तो इसलिए आपको अपने साथ जरुरी समान हमेशा अपने साथ रखना होगा. चाहे वो खाने पिने की चीजे हो या गर्म कपड़े या फिर दवाईया. सभी जरुरी समान ट्रैकिंग के दोरान आपको अपने पास रखना है. बारिश और हवा से बचने के लिए आपको रेन कोट भी अपने पास रखना होगा. क्युकी वहा मोसम का मिजाज पल भर में बदल जाता है.
22 किलोमीटर की चढ़ाई आपको लगातार नहीं चढ़नी है. बिच बिच में आपको बहुत सी जगह मिलती है जहा आप आराम कर सकते हो. चाय पानी या खाने के लिए भी आपको रास्ते में कुछ ना कुछ मिल ही जायेगा. सगर गाव से अपनी यात्रा शुरू करने के 4 किलोमीटर के बाद पुंग बुग्याल नाम की जगह आती है. ये मम्बा छोड़ा घास का मैदान है. आसपास के गाव के लोग यहाँ अक्सर अपने पशुओं के साथ डेरा डाल कर रखते है. जिन्हें पालसी बोला जाता है. अपनी थकान मिटाने के लिए यात्री इस जगह रुकते है.
Tungnath Dham Yatra ki Jankari Hindi Me
पुंग बुग्याल में कुछ देर आराम करने के बाद कलचात बुग्याल और फिर चक्र्घनी की 8 किलीमीटर की खड़ी चदायी आती है. इसी चढ़ाई पर शिव भक्तो की असली परिझा होती है. इस चढ़ाई को चढ़ते चढ़ते भक्तो की सासे फूलने लगती है. इस खड़ी चढ़ाई के बाद यात्री लविटी बुग्याल पहुचता है. ये जगह समुन्द्र तल से लगभग 3000 मीटर की उचाई पर स्तिथ है.
22 किलोमीटर की खड़ी चडाई चढ़ने के बाद आप भगवान रुद्रनाथ के मंदिर पहुच जाते है. मंदिर पहुचने के बाद आप आराम से भगवान शिव के दर्शन करिए. पैदल यात्रा के दोरान या निचे वापिस आते हुवे आपको कही रुकना है. तो आपको पैदल यात्रा में बिच बिच में रुकने के लिए जिनी चुनी ही जगह ही मिलती है. आप चाहे तो अपने साथ रुकने के लिए टेंट भी ले जा सकते है. ताकि जहा भी आपका मन हो आप टेंट लगा कर वाही रुक सकते है. लेकिन रास्ता जंगलो से होकर गुजरता है तो आपको आपकी सुरझा का ख्याल खुद ही रखना है.
Haridwar to Rudranath Mandir Map
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