2024 ki Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra ki Jankari
Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra ki Jankari. अगर आप Uttarakhand में मोजूद Kedarnath Dham Yatra करना चाहते है. तो ये आर्टिकल आप लोगो के लिए बहुत काम का साबित होगा. इस आर्टिकल में आपको केदारनाथ यात्रा से जुडी सभी जानकारी मिलने वाली है.
Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra ki Jankari. अगर आप Uttarakhand में मोजूद Kedarnath Dham Yatra करना चाहते है. तो ये आर्टिकल आप लोगो के लिए बहुत काम का साबित होगा. इस आर्टिकल में आपको केदारनाथ यात्रा से जुडी सभी जानकारी मिलने वाली है.
Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra ki Jankari
Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra के इस आर्टिकल में आपका हार्दिक स्वागत है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम देव भूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. श्री केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है. श्री केदारनाथ धाम के सभी तीर्थयात्री यातायात के विभिन्न साधनों के द्वारा सर्वप्रथम हरिद्वार ऋषिकेश अथवा देहरादून पहुंचते हैं. तथा यहां से आगे पर्वतीय क्षेत्र प्रारंभ हो जाता है अतः अधिकांश तीर्थयात्री अपनी आगे की यात्रा सड़क मार्ग से ही तय करते हैं.
Uttarakhand Kedarnath Dham Yatra हेतु अंतिम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, और अंतिम एयरपोर्ट जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है. हरिद्वार की ओर से आने वाले यात्री 20 किलोमीटर तथा देहरादून की ओर से आने वाली यात्री 50 किलोमीटर सड़क मार्ग की दूरी तय कर ऋषिकेश पहुंचते हैं. उत्तराखंड राज्य के गौरव हरिद्वार और ऋषिकेश अध्यात्म योग साधना एवं प्राकृतिक संपदा के कारण संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है. नदियों में सर्वश्रेष्ठ और मां के नाम से पवित्र गंगा हरिद्वार ऋषिकेश नगर से होती हुई आगे बढ़ती है. तथा इन स्थानों के बाद लगभग 2500 किलोमीटर की मैदानी दौड़ पूरी करने के बाद समुद्र में विलीन हो जाती है.
परंतु यहां तक पहुंचने से पूर्व यह नदी के साथ 251 किलोमीटर की लंबी यात्रा हिमालय पर्वत मालाओं के मध्य से होती हुई पूरी करती है. ऋषिकेश से 74 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पंच प्रयाग में से एक प्रमुख प्रयाग देव प्रयाग तक पहुंचा जा सकता है. जहाँ अलकनंदा और भागीरथी नदी का पावन संगम स्तिथ है. जो आगे चलकर गंगा माता के नाम से बहती है. देवप्रयाग के बाद श्रीनगर आता है. और इसके बाद रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी जैसे पड़ाव आते है.
अगर आप हेलीकाप्टर के माध्यम से केदारनाथ की यात्रा करना चाहते है. तो गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से आपको हेलीकाप्टर की सुविधा मिल जायेगा। हेलीकाप्टर की बुकिंग ऑनलाइन की जाता है. केदारनाथ धाम हेलीकाप्टर बुकिंग की जानकारी आप 7060830844 पर कॉल करके भी प्राप्त कर सकते हो.
सिरसी के बाद आपका रामपुर फिर सीतापुर और फिर सोनप्रयाग आएगा। बस, कार और बाइक से जाने वाले सोनप्रयाग तक ही अपने वहां ले जा सकते है. सोनप्रयाग के बाद गौरीकुंड है. जहा से पेडल यात्रा शुरू होती है. पैदल जाने वाले अधिकतर भक्त सोनप्रयाग और गौरीकुंड में ही रात्रि विश्राम करते है. और फिर आगे दिन गौरीकुंड से अपनी यात्रा की शुरुआत करते है.
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की दुरी 17 किलोमीटर से जिसे पैदल चलने में लगभग 8 से 9 घंटे लग जाते है. गौरीकुंड से ही आपको घोडा, पालकी और डंडी जैसी सुविधा भी मिल जाती है. यात्री अपनी सुविधा के अनुसार इन साधन का इस्तेमाल करके अपनी केदारनाथ की यात्रा पूरी करते है.
केदारनाथ धाम पहुंचने पर आपको मन की इतनी शांति मिलती है. जिसे सब्दो में बयान नहीं किया जा सकता। केदारनाथ धाम चारो तरफ से बर्फ की चोटियों से घिरा हुवा है. जहा पुरे साल मौसम ठंडा रहता है. इस ठंडे मौसम में भगवान भोलेनाथ की भक्ति का आनंद ही कुछ और है. तो आप भी केदारनाथ धाम पहुंच कर भगवान भोलेनाथ की भक्ति में खो जाइये।
Haridwar to Sonprsyag Map
What's Your Reaction?