Adi Kailash and Om Parvat Yatra Trip Plan | आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा की संपूर्ण जानकारी
Adi Kailash and Om Parvat Yatra Trip Plan. आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा की संपूर्ण जानकारी। जैसा कि आप सभी को मालूम है उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की चोटियां बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। और इन्ही पर्वतों पर कुछ देवी देवताओं का निवास स्थान भी मोजूद है।
Adi Kailash and Om Parvat Yatra Trip Plan. आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा की संपूर्ण जानकारी। जैसा कि आप सभी को मालूम है उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की चोटियां बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। और इन्ही पर्वतों पर कुछ देवी देवताओं का निवास स्थान भी मोजूद है। उत्तराखंड के पहाड़ अपने अनोखे रूप और अपनी सुंदरता के प्रतीक बन गए हैं । तो इन्ही पहाड़ो में से मैं आप सभी को उत्तराखंड की दो ऐसी अद्भुत यात्रा के बारे बताने वाला हु। जहां हर शिव भक्त जाना जाता है। यह जो आर्टिकल है यह आदि क्लास और ओम पर्वत की यात्रा से जुड़ा है। इस आर्टिकल में आपको Adi Kailash and Om Parvat Yatra की सभी जानकारी मिलने वाली है।
आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा की संपूर्ण जानकारी
उत्तराखंड में मौजूद आदि कैलाश उत्तराखंड की सबसे पर्वत चोटियों में से एक चोटी है। यह पर्वत शिखर इतना पवित्र है कि इसे भारत का कैलाश पर्वत भी कहा जाता है। आदि कैलाश को इसके दूसरे नाम से ही पुकारा जाता है और वह छोटा कैलाश। यह पर्वत शिखर पांच कैलाश पर्वत चोटियों में से एक है। यह तिब्बत में कैलाश पर्वत के दूसरी सबसे पवित्तर चोटी है। तीर्थ यात्रियों की इस पर्वत के प्रति श्रद्धा है और वह इसके अत्यधिक धार्मिक महत्व का सम्मान करते हैं।
उत्तराखंड में मोजूद आदि कैलाश या छोटा कैलाश समुन्द्र तल से 4770 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। और यह पर्वत प्राकृतिक सौंदर्य एवं रोमांच से भरा पर्वतारोहण धार्मिक आस्था का केंद्र है। आदि कैलाश यात्रा के दोरान सभी भक्तो को मार्ग में बर्फ से ढके अन्नपूर्णा के शिखर के मनोरम दृश्यों को देखने का अवसर मिलता है। घने वन, मनोहर झरने, दूधिया जल तन-मन में रोमांच भर देते हैं। आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा को पूरी करने में लगभग 18 दिन का समय लगता है। आदि कैलाश का ट्रैक बहुत कठिन ट्रैक है। लेकिन उसके बाद भी शिव भक्त इस यात्रा को पूरा करते है।
आदि क्लास की यात्रा कैसे करें
आप ट्रेन से दिल्ली से टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। या फिर आप अल्मोड़ा के रास्ते काठगोदाम भी पहुंच सकते हैं।
- टनकपुर या काठगोदाम पहुंचने के बाद आपको गाड़ी के माध्यम से धारचूला जाना पड़ता है। और रास्ते में पताल भुवनेश्वर घूमने से जा सकते हैं और दीदीहाट में नाईट स्टे कर सकते हो।
- इसके बाद सभी यात्रियों को धारचूला से तवाघाट जाना होता है। धारचूला से तवाघाट भी आपको कार के द्वारा ही जाना पड़ेगा। धारचूला से तवाघाट की दुरी 17 किलोमीटर की है।
- इसके बाद आपको तवाघाट से पंगु जाना होगा। यह एक भूटियो का आदिवासी गांव है। जहां पर आप रात में रुक सकते हैं। और भूटियो आदिवाशी की संस्कृति के बारे में पता लगा सकते हैं और उनके साथ कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं।
- इसके बाद आपको पंगु से गाड़ी करके नारायण आश्रम जाना होगा। यह एक आर्थिक स्थान है नारायण आसान के बाद आपको सिरखा जाना होगा जो नारायण आश्रम से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिरखा से आपको गाला जाना होगा। सिरखा से गाला की 14 किलोमीटर की है।इसके बाद आप बूढी के लिए निकल सकते है। अब आपकी कैलाश यात्रा गारब्यांग पहुचती है। जो बूंदी से दो 9 किलोमीटर की दूरी पर है।
- बूढी से कुंजी की दूरी 10 किलोमीटर है। इसके बाद कुंजी से काला पानी की यात्रा आपको करनी होगी। यहां आपको काली माता का प्रसिद्ध मंदिर मिलेगा।
- इसके बाद नाभिडांग कैंप के लिए आपको निकलना पड़ेगा। यहां से आप ओम पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। इस जगह से ओम पर्वत की ओम पर्वत आपको बिल्कुल साफ दिखाई देगा। इसके बाद आपको कुंजी वापस आना होगा।
- अब कुंजी से कोई मोटर योग की सड़क नहीं है इसलिए कुटी गावं तक पहुंचाने के लिए आपको 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी। यह गांव पांडवों के साथ अपने जुड़ाव के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस गावं में आप पांडव किला भी जा सकते हैं। और वहां जाकर गड्वाली खाने का आनंद ले सकते हो। और कुटी गाव में ही रात बिता सकते हैं।
- इसके बाद आपको कुटी गावं से जोलिंगकोंग जाना होगा। कुटी गावं से जोलिंगकोंग का ट्रैक 14 किलोमीटर का है। जो की सबसे सुंदर पहाड़ी दर्शन से होकर गुजरता है। जोलिंगकोंग आपकी आदि कैलाश ट्रैक का अंतिम बिंदु है। आदि कैलाश पर्वत जोलिंगकोंग से बहुत स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यहां आप पहली बार अपने आदि कैलाश के दर्शन कर सकते हैं।
- इसके बाद आप पार्वती सरोवर तक ट्रैक कर सकते हैं जो जोलिंगकोंग से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके बाद आप यहां पूजा कर सकते हैं और पहाड़ी दृश्य का आनंद प्राप्त करके भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
आदि कैलाश ओम पर्वत के बीच कीदूरी
आदि कैलाश की यात्रा करने वाले भक्तों को यह गलत धारणा है कि ओम पर्वत और आदि कैलाश पर्वत एक ही है। लेकिन यह गलत धारणा है यह दोनों पर्वत शिखर अलग-अलग स्थान पर मौजूद है। ओम पर्वत उस स्थान के बहुत करीब स्थित है जहां भारत तिब्बत और नेपाल की सीमा मिलती है। ओम पर्वत लिपुलेख दर्रे के करीब है। दूसरी और आदि कैलाश पर्वत पूरी तरह से भारत में है। आदि कैलाश चोटी ब्रह्म पर्वत और कुटीर गांव के करीब है । म पर्वत को नाभि धंग केम्प से देखा जा सकता है। और यह कैलाश मंसोवर मार्ग पर पड़ता है।
अब आपको आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो चुकी है। अब बारी आती है आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा मार्ग के मेप की, ताकि आप लोग सही तरीके से आदि कैलाश ओम पर्वत की यात्रा कर सको। तो निचे मैंने आपको आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा का मेप दे दिया है। जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी यात्रा पूरी कर सकते हो।
Adi Kailash and Om Parvat Yatra Map
उपर मैंने आप सभी को Adi Kailash and Om Parvat Yatra Trip Plan की जानकारी Map के साथ दे दी है। मुझे उम्मीद है आप सभी लोग बहुत ही आराम से Adi Kailash and Om Parvat की यात्रा कर पाएंगे।
अगर आप Adi Kailash and Om Parvat Yatra Helicopter से करना चाहते है। तो आप मुझसे 7060830844 पर कॉल या WhatsApp पर मेसे करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
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